Moneyपैसा, रुपया,फुटी कवडी , जिन्दगी के रंग

फुटी कवडी 


                                      
 ।                                  

                                   
.  ।                       कौड़ियां और सीप                                                           
                 
                हिंदी के कुछ मुहावरे और कहावतें ,                                                

1.मेरी जेब में एक फूटी कौड़ी भी नहीं है
2.दो कौड़ी की औकात है तूम्हारी।       
3. चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए।       
4. एक ढेला नहीं है पास में ।             
5. दो टके का आदमी।                    
6. पाई पाई को मोहताज होना। .......
7.सोलह आने सच्ची बात...............

यह सारी कहावतें और मुहावरे हम अपनी जिंदगी में सुन्ते हि रहते हैं,पर क्या आप ने कभी सोचा इन का चलन हमारे समाज में कैसे शुरू हुआ, चलिए आज हम आपको बताते हैं     ,
फूटी कौड़ी दरअसल मुग़ल काल में एक करेंसी या सिक्के के तौर पर प्रचलित थी।    फूटी कौड़ी कीमत सबसे कम थी   3 फूटी कौडियों से एक कौड़ी बन्ती थी,    10 कौड़ीयों से एक दमड़ी 2 दमड़ी  से 1.5 पाई।
कौड़ी दुनिया के पुराने सिक्कों में से एक है, कहते हैं अबसे 5000 वर्ष पहले यह दुनिया के कई हिस्सों में पैसे के रुप में उपयोग किया जाता था, कौड़ी एक प्रकार का घोंघा है जो कमयाब था यानी कम मात्रा में मिलता था, फुटी कवडी भी एक फटा हुआ घोंघा है जिसे कौड़ी घोंघा कहते हैं,यह एक तरफ से फुटा हुआ होता है,तीन फुटी कौड़ी एक पुरी कौड़ी के बराबर होती थी ,,,,,,,,,,,,,,,, इन दोनों की कोई आख़री  value   थी तो वो था रुपा जो आगे चलकर  रुपया  कहलाया    , एक रुपया 5,275    फुटी कौड़ीयों के बराबर था, इनके बीच अलग-अलग तरह के सिक्के थे जैसे, कौड़ी, दमड़ी,पाई,ढेला, पैसा,टका,आना,दूव्वन्नी,चौन्नी, अठन्नी और फिर कहिं जाकर रुपया बनता था, टका आज भी बंगला देश की करेंसी है। आपकी दिलचस्पी के लिए नीचे इनकी कीमत दि जारही है,

1) ३ ,फुटी कौड़ी = १ कौड़ी
                        २) १०, कौड़ी = १ दमड़ी                           
३) २, दमड़ी = १.५ पाई।  
 ४) १.५, पाई = १ ढेला ।    
५) २, ढेला = १ पैसा।      
६) २, पैसे = १ टका।       
         ७) ६, पैसे या २ टके का एक आना 
८) २ आने= दुव्वन्नी।          
९) ४ आने= चौन्नी।            
१०) ८ आने = अठन्नी।           
११) १६ आने = १ रुपया ।     

सोलह आने का एक रूपया बनता है, इसी से कहावत बनीं है
सोलह आने सच्ची बात
यां
सोलह आने गया होना।

Neelam sk 
                                       



      

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